उन्होंने कहा कि कैंप में गर्भवति महिलाओं एवं बच्चों पर विशेष ध्यान देते हुए महिलाओं को बताया गया कि पैदा होते ही शुरूआत में बच्चे को सबसे जरूरी मां का दूध पिलाना होता है। क्यों
कि उसके लिए मां के दूध से पोष्टिïक कोई चीज नहीं होती इसलिए उस समय मां को भी पोष्टिïक भोजन ग्रहण करना चाहिए। महिलाओं को दूध व हरी सब्जी तथा फल अवश्य खाने चाहिए क्योंकि इनमें सबसे ज्यादा पोष्टिïक तत्व शामिल होते हैं। इसके अलावा कुपोषण से बचने के उपायों के बारे में भी विस्तार से बताया गया।
कि उसके लिए मां के दूध से पोष्टिïक कोई चीज नहीं होती इसलिए उस समय मां को भी पोष्टिïक भोजन ग्रहण करना चाहिए। महिलाओं को दूध व हरी सब्जी तथा फल अवश्य खाने चाहिए क्योंकि इनमें सबसे ज्यादा पोष्टिïक तत्व शामिल होते हैं। इसके अलावा कुपोषण से बचने के उपायों के बारे में भी विस्तार से बताया गया।
जिला आयुर्वेदिक अधिकारी ने कहा कि कैंप में 120 मरीजों की जांच की गई और उन्हें फ्री में आयुर्वेदिक दवाइयां वितरित की गई। इस मौके पर एएमओ डॉ० अंजु सांगवान, डॉ० अमित तथा डॉ० विजय चौधरी, पंचकर्मा स्पे० डॉ० दिप्ती दहिया, डॉ० मुदिता जौहर, डॉ० संगीता, डॉ० आदर्श कुमार तथा प्रदीप कुमार मौजूद रहे।